अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो... पढ़े मुनव्वर राना दिल को छू लेने वाले शेर
जुदाई
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो...तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
जन्नत
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है...मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
माँ
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई...मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई
गुनाह
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है...माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
परदेस
बर्बाद कर दिया हमें परदेस ने मगर...माँ सब से कह रही है कि बेटा मज़े में है
सैलाब
जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है...माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
दुआ
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा...मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
नाम
तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता...तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने
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