होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है, पढ़ें निदा फ़ाज़ली के शेर
आदमी
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी,
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
धूप
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
उमीद
कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन,
फिर इस के बअद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
चाँद सितारे
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
मस्जिद
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
दुनिया
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है,
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है
दुश्मनी
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता,
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए
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