मैं तो रहता हूँ दश्त में मसरूफ़...पढ़ें फहमी बदायूनी शेर...


2024/02/14 22:02:10 IST

छत का हाल

    छत का हाल बता देता है, परनाले से गिरता पानी

अभी चमके नहीं

    अभी चमके नहीं ग़ालिब के जूते, अभी नक़्क़ाद पॉलिश कर रहे हैं

बड़ा एहसान मुझ पर

    मिरे साए में उस का नक़्श-ए-पा है, बड़ा एहसान मुझ पर धूप का है

मैं बोलता ही नहीं

    यार तुम को कहाँ कहाँ ढूँडा, जाओ तुम से मैं बोलता ही नहीं

मैं चुप रहता हूँ

    मैं चुप रहता हूँ इतना बोल कर भी, तू चुप रह कर भी कितना बोलता है

कबूतर आड़े-तिरछे

    कहीं कोई कमाँ ताने हुए है, कबूतर आड़े-तिरछे उड़ रहे हैं

आसमाँ दिखाई दिया

    अच्छे-ख़ासे क़फ़स में रहते थे, जाने क्यूँ आसमाँ दिखाई दिया

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