वैलेंटाइन डे पर पढ़ें 'इश्क' पर लिखें बेहतरीन शेर


2024/02/14 15:31:00 IST

इश्क़

    चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया...इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया

इश्क़-ए-बुताँ

    उम्र तो सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में मोमिन...आख़िरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमाँ होंगे

हम-नफ़स

    मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे...मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

उम्मत-ए-अहमद-ए-मुर्सिल

    इश्क़ का दिल भी वही हुस्न का जादू भी वही...उम्मत-ए-अहमद-ए-मुर्सिल भी वही तू भी वही

इश्क़ नहीं आसाँ

    ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे...इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

इश्क़ की इंतिहा

    तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ...मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

फ़ित्नागर

    इश्क़ था फ़ित्नागर ओ सरकश ओ चालाक मिरा...आसमाँ चीर गया नाला-ए-बेबाक मिरा

आतिश

    इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब...कि लगाए न लगे और बुझाए न बने

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