पढ़ें इश्क पर लिखे कुछ चुनिंदा शेर.....
निदा फ़ाज़ली
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है, इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
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अनवर शऊर
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूं, अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूं
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अकबर इलाहाबादी
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद, अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
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फ़रहत एहसास
इक रात वो गया था जहां बात रोक के, अब तक रुका हुआ हूं वहीं रात रोक के
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ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
करूंगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम, मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता
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नासिर काज़मी
आज देखा है तुझ को देर के बाद, आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
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अंजुम रहबर
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था, वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
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