चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का, पढ़ें 'बेवफ़ाई' पर बेहतरीन शेर


2024/02/06 17:02:25 IST

बेवफ़ाई

    हम से क्या हो सका मोहब्बत में...ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की

याद करना

    इक अजब हाल है कि अब उस को...याद करना भी बेवफ़ाई है

ख़याल

    चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का...सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही

फ़िदा

    बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा...क़हर होता जो बा-वफ़ा होता

शिकवा

    नहीं शिकवा मुझे कुछ बेवफ़ाई का तिरी हरगिज़...गिला तब हो अगर तू ने किसी से भी निभाई हो

जुदाई

    इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की...आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की

आशिक़ी

    आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है...बेवफ़ाई कभी कभी करना

दिल

    दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने...बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं

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