अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ, पढ़ें 'रुस्वाई' पर बेहतरीन शेर
रुस्वाई
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने...बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
इश्क़
इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है...पर करूँ क्या अब तबीअत आप पर आई तो है
अस्बाब
मेरी रुस्वाई के अस्बाब हैं मेरे अंदर...आदमी हूँ सो बहुत ख़्वाब हैं मेरे अंदर
सौदाई
सारी दुनिया ये समझती है कि सौदाई है...अब मिरा होश में आना तिरी रुस्वाई है
बदनाम
ख़ैर बदनाम तो पहले भी बहुत थे लेकिन...तुझ से मिलना था कि पर लग गए रुस्वाई को
चर्चा
अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ...इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ
मोहब्बत
देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के...आग़ाज़ भी रुस्वाई अंजाम भी रुस्वाई
यादों
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं...सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी
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