मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है, पढ़ें 'कुमार विश्वास' के बेहतरीन शेर
दीवाना
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
ख़ुदा
आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है ...ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले
दर्द
बात करनी है बात कौन करे ...दर्द से दो दो हाथ कौन करे
फ़क़ीरों
केवल फ़क़ीरों को है ये कामयाबी हासिल ...मस्ती से जीना और ख़ुश सारा जहान रखना
सितारे
हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं ...चाँद न हो तो रात कौन करे,
तुम्हें जीने में आसानी बहुत है ...तुम्हारे ख़ून में पानी बहुत है
ख़याल
मिरा ख़याल तिरी चुप्पियों को आता है ...तिरा ख़याल मिरी हिचकियों को आता है,
जिस्म चादर सा बिछ गया होगा ...रूह सिलवट हटा रही होगी
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