कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़.. पढ़ें.. गुलजार की चुनिंदा शायरी..


2023/12/31 22:45:13 IST

आँख

    शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है

इंतिज़ार

    कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे

आदत

    वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है

ख़ामोशी

    कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ, उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की

ए'तिबार

    आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हम ने एतिबार किया

सदियाँ

    जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ, उस ने सदियों की जुदाई दी है

अफ़्साने

    ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में

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