वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा...पढ़िए परवीन शाकिर के मोहब्बत भरे शेर..
चाहत
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ, दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
ला-जवाब
मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी, वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा
रुस्वाई
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने, बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
निढाल
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया, इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
झाँके
अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं, अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई
रग-ए-जाँ
हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा, क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा
तकल्लुफ़
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात की, और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए
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