पंकज उधास की ये गजलें जो बना देती थीं दीवाना
थोड़ी-थोड़ी पिया करो
थोड़ी-थोड़ी पिया करो, हुई महँगी बहुत ही शराब, थोड़ी-थोड़ी पिया करो, थोड़ी-थोड़ी पिया करो.
आफरीन vol 2
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आहिस्ता कीजिए बातें
और आहिस्ता कीजिए बातें, धड़कनें कोई सुन रहा होगा
एलबम-स्टोलेन मोमेंट्स
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जमाना खराब है
निकलो न बेनकाब जमाना खराब है
एलबम- नायाब Vol-1
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एक तरफ मयकदा
एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा
एलबम-पीने वालों सुनो
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घूंघट को मत खोल
घूंघट को मत खोल कि गोरी घूंघट है अनमोल, छम छम करके कहते हैं ये पायलिया के बोल
एलबम- घूंघट
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रोना अच्छा लगता
दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है, हम भी पागल हो जायेंगे ऐसा लगता है
एलबम- मुकर्रर
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चुपके चुपके सखियों से
चुपके चुपके सखियों से वो बातें करना भूल गई, मुझको देखा पनघट में तो पानी भरना भूल गई.
फिल्म- महक
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