मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ...पढ़ें अकबर इलाहाबादी के बेहतरीन शेर...
अरमान
इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम, वस्ल का दिल से मिरे अरमान रुख़्सत हो गया
पोलाओ खाएँगे
बताऊँ आप को मरने के बाद क्या होगा, पोलाओ खाएँगे अहबाब फ़ातिहा होगा
नीयत बदल
तय्यार थे नमाज़ पे हम सुन के ज़िक्र-ए-हूर, जल्वा बुतों का देख के नीयत बदल गई
बे-ज़ार
मय भी होटल में पियो चंदा भी दो मस्जिद में, शैख़ भी ख़ुश रहें शैतान भी बे-ज़ार न हो
साहब
धमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह का, चंदा वसूल होता है साहब दबाव से
तक़रीर
कोट और पतलून जब पहना तो मिस्टर बन गया, जब कोई तक़रीर की जलसे में लीडर बन गया
रपट लिखवाई
रक़ीबों ने रपट लिखवाई है जा जा के थाने में, कि अकबर नाम लेता है ख़ुदा का इस ज़माने में
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