हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है...पढ़ें जावेद अख़्तर के यह शेर..


2023/12/19 21:45:06 IST

ख़ामोशी

    ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना, हामी भर लेना, बहुत हैं फ़ायदे इसमें मगरअच्छा नहीं लगता

देखिए

    छोड़कर जिसको गए थे आप कोई और था, अब मैं कोई और हूं वापस तो अकर देखिए

आसान

    बहुत पहचान है आसान इसकी, अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है

रास्तों

    हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं

अजनबी

    जब आईना तो देखो इक अजनबी देखो, कहां पे लाई है तुमको ये ज़िंदगी देखो

तरफ़दार

    अब अपना कोई दोस्त कोई यार नहीं है, हैं जिसकी तरफ़, वो भी तरफ़दार नहीं है

जगाए

    कौन दोहराए फिर वही बातें, ग़म अभी सोया है, जगाए कौन

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