16 दिसंबर देश के लिए ऐतिहासिक दिन, पाकिस्तानी सेना के हुए थे दांत खट्टे
श्रद्धांजलि
आज भारतीय सैनिकों के शौर्य को सलाम करने का दिन है. जबकि इस विशेष दिन राजधानी दिल्ली से लेकर बंगलूरू तक प्रत्येक जगहों पर जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.
भारत-पाक युद्ध
भारत-पाक युद्ध के मध्य 1971 में एक सैन्य संघर्ष हुआ था. जिसकी शुरूआत तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की स्वतंत्रता संग्राम 16 दिसम्बर को ढाका समर्पण के साथ समापन हुआ था.
युद्ध इतिहास में दर्ज
बता दें कि युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई हमले से हुआ था. वहीं इसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन में कूद पड़ी थी. जबकि ये युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक माना जाता है.
योद्धाओं को सलाम
जम्मू कश्मीर के बलिदान स्तंभ में टाइगर डिव के जीओसी मेजर जनरल गौरव गौतम बलिदानियों को फूल अर्पित करके याद करेंगे. जबकि इस कार्यक्रम में वर्ष 1971 के युद्ध में जम्मू कश्मीर के कई पूर्व सैनिक शामिल होने वाले हैं.
नायकों को सम्मान
इसके साथ ही राज्य में सेना ने वर्ष 1971 के युद्ध के नायकों को सम्मानित करने के लिए समारोह का आयोजन किया गया है.
भारतीय सेना
बता दें कि,वर्ष 1971 के युद्ध में जब पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर हमला किया था तो भारतीय सेना के वीर जवान उनके ऊपर हमला करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी.
कर्नल विरेंद्र साही
जिसमें कर्नल विरेंद्र साही को खास करके याद किया जाता है, दरअसल कर्नल विरेंद्र साही के बारे में बताया जाता है कि, ये दुश्मन को खदेड़ते हुए गोलियां लगने से घायल हुए थे.
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