मनमोहन सिंह द्वारा लिए गए 5 बड़े फैसले जिन्हें कभी नहीं भूलेगा देश
पूरे देश में शोक की लहर
92 वर्षीय मनमोहन सिंह के निधन की खबर ने पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है.
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
मनमोहन सिंह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अत्यधिक सम्मानित नेता थे.
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ऐतिहासिक फैसले
इसका मुख्य कारण उनके द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले हैं, जिनका प्रभाव भारत के विकास और सामाजिक कल्याण में देखा गया.
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उनकी नीतियां और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल राजनीतिक जगत बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उनकी नीतियां और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे.
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009)
4 अगस्त, 2009 को भारत की संसद ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित किया. इस ऐतिहासिक पहल ने लाखों बच्चों के जीवन को बदलकर उन्हें बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया.
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सूचना का अधिकार (RTI) कानून (2005)
2005 में लागू सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए एक वरदान साबित हुआ.
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मनरेगा योजना
मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों के लिए आजीविका का मजबूत माध्यम बनी. यह योजना ग्रामीण विकास में एक बड़ा योगदान है.
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खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए गए, जो शहरी और ग्रामीण इलाकों में जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराते हैं.
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