भारतीय तिरंगा स्वतंत्रता का प्रतीक, जानें कैसे और किसने बनाया तिरंगा?
संविधान सभा
भारतीय तिरंगे को संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को अपनाया था, लेकिन यह आधिकारिक ध्वज 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के साथ ही बन गया.
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पिंगली वेंकैया
इस दिन से यह तिरंगा भारत के गौरव और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया. भारतीय तिरंगे का डिजाइन स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने किया था.
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स्वतंत्रता के लिए समर्पित
उन्होंने आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में जन्म लिया और अपना जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया.
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30 देशों के झंडों का अध्ययन
पिंगली वेंकैया ने इस तिरंगे की डिजाइन तैयार करने से पहले लगभग 30 देशों के झंडों का अध्ययन किया था.
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भारतीयों को एकजुट
पिंगली वेंकैया ने तिरंगे का ऐसा डिजाइन तैयार किया, जो भारतीयों को एकजुट करने का काम करे.
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तीन रंगों का चुनाव
भारतीय तिरंगे में तीन रंगों का चुनाव किया गया, जो देश की एकता और विविधता को दर्शाते हैं.
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विधि का चक्र
तिरंगे में चक्र को विधि का चक्र भी कहा जाता है, जो सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है.
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सिद्धांतों का प्रतीक
यह चक्र भारतीय संविधान और कानून के अनुशासन को दर्शाता है. यह चक्र भारतीय लोकतंत्र में न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों का प्रतीक है.
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खास महत्व
वहीं झंडा में मौजूद तीन रंग का अपना एक खास महत्व है.
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