इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया...पढ़ें प्यार पर खूबसूरत शेर


2024/01/26 16:48:57 IST

बे-ख़ुदी

    होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है...इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

इम्तिहाँ

    सितारों से आगे जहाँ और भी हैं...अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं

नाज़ुक-मिज़ाज

    इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद...अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता

राह-ए-दूर-ए-इश्क़

    राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या..आगे आगे देखिए होता है क्या

इश्क़ तौफ़ीक़

    कोई समझे तो एक बात कहूँ...इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं

निकम्मा

    इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया...वर्ना हम भी आदमी थे काम के

आग का दरिया है

    ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे...इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

इंतिहा

    तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ...मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

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