तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो... पढ़े जौन एलिया दिल को छू लेने वाले शेर


2024/01/17 16:54:26 IST

सितम

    क्या सितम है कि अब तिरी सूरत...ग़ौर करने पे याद आती है

हिज्र

    तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो...मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो

डर

    मुझे अब तुम से डर लगने लगा है...तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

ख़्वाहिशें

    जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना...वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था

तकल्लुफ़

    क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में...जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं

लम्हों

    ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को...अपने अंदाज़ से गँवाने का

इश्क़

    क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!..आख़िरी बार मिल रही हो क्या

बे-क़रारी

    बे-क़रारी सी बे-क़रारी है...वस्ल है और फ़िराक़ तारी है

इंतिहाई

    याद उसे इंतिहाई करते हैं...सो हम उस की बुराई करते हैं

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